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हार की जीत लेखनी कहानी -12-May-2022

          आज राखी के सभी अरमान टूट चुके थे। उसने क्या सोचा और यह क्या होगया। जब किसी सहेली सखी की शादी होती थी तब राखी भी सपने देखने लगजाती थी।


    वह सोचती जब मेरी सुहागरात होगी तब मेरा होने वाला पति मेरा घूंघट उठायेगा और मुझे मुँह दिखाई की कुछ तो गिफ्ट देगा। मै जब रूठ जाऊँगी तब वह मुझे मनालेगा।

      और मै उसके गले लग जाऊँगी। वह मुझे प्यार करेगा। और न जाने वह क्या क्या सपने देखती थी।

   एक बार तो उसने अपनी गुडि़या की शादी अपने एक पडौ़सी के गुड्डे सी करदी उसका गुड्डा बारात लेकर भी आया। और राखी ने  उनकी सुहागरात भी मनवाई थी।

    राखी को इस तरह के सपने देखने की आदत बचपन से ही थी। परन्तु मानव जैसा सोचता है बैसा अक्सर  नही होता है। यदि सपने सच होजाय तो हर एक धनवान होने के सपने देखने लगेगा।

     राखी जब मानव से पहली बार मिली थी तब उसने सोचा था कि अब उसके सपने अवश्य सच होजायेगे। लेकिन उसे क्या मालूम था कि मानव जैसा ऊपर से दिखाई देरहा है अन्दर से उतना ही उल्टा निकलेगा।

          मानव ने। राखी को विश्वास दिलाया था कि वह उसे इतना प्यार करेगा कि वह  पिछली जिन्दगी भूल जायेगी।

       आज राखी सुहाग की सेज पर बैठी मानव की प्रतीक्षा कर रही थी। घडी़ ने रात के बारह बजा दिये परन्तु मानव का कही अता पता ही नही था। 

       मानव जब अपने दोस्तौ को छोड़कर चलने को तैयार हुआ तब एक दोस्त उसके ऊपर तन्ज कसते हुए बोला," अरे वेशरम तू तो आज से ही भाभी का गुलाम होगया जो दोस्तौ की पार्टी बीच में छोड़कर भागने लगा।"

    दूसरा बोला," साला बीबी का गुलाम होगया जाने दो कल यही नाक रगड़कर आयेगा। "

    उनके इस तरह के तीखे ब्यंग सुनकर मानव वही रुक गया और नीट शराब पीने लगा और  बोला ," तुम सबने मुझे क्या समझ लिया।मै औरत का गुलाम कभी नहीं हो सकता हूँ।"

      अब मानव ने बहुत अधिक शराब पीली। मानव को उसके दोस्त उसके घर पर छोड़ कर आये। मानव की हालत देखकर  उसके परिवार के सदस्यौ को बहुत गुस्सा आरहा था। परन्तु वह मजबूरी के कारण उसे डाँट भी नही सकते थे।

    मानव को अपने शरीर का भी होश नहीं था। राखी ने बहुत कठिनाई से उसके जूते उतार कर उसे बैड पर लिटाया। इसे लिटाना कहना असत्य होगा। उसे जबरन बैड पर उठाकर पटका।

      राखी पूरी रात अपनी किस्मत को दोष देती रही और रोती रही। उसके कोई आँसू पौछने वाला भी नही था।

   जब  सुबह मानव का नशा दूर हुआ  तब वह सबसे साँरी बोलकर क्षमा माँगने लगा। उसने राखी को भी साँरी बोला। राखी ने उसे माँफ कर दिया।

    दूसरे दिन भी वही नाटक दुहराया गया। अब मानव का हर रात को शराब पीकर आना और सुबह सभी से क्षमा माँगना।

      राखी उसकी इस आदत से परेशान होगयी। वह दिन में ठीक रहता और रात को शराब के नशे में घर आता और बैड पर गिर जाता।

   अन्त मे राखी ने परेशान होकर अपने मायके जाने का मन बना लिया। राखी ने अपनी मम्मी को रोकर पूरी कहानी बतादी और उसे घर लेजाने के लिए बोल दिया।

     उसकी मम्मी ने  राखी के पापा को सब समझाकर राखी को बुलबा लिया। राखी मानव को बिना बताये  चली आई  इससे वह नाराज होगया ।उसने राखी के जाने के बाद एक बार भी फौन नही किया। जिससे दौनौ के बीच दूरियाँ बढ़ती गयी।
  
                इस तरह  राखी को अपने मायके में रहते हुए दो बर्ष बीत गये। राखी की ससुराल से कोई फौन भी नहीं गया। मानव ने एक बार भी बात नहीं की।

         अन्त में राखीने ही तलाक का केस डाल दिया।। कुछ दिन तक केस चला। तारीख पर तारीख पड़ती रही।

    उन दौनौ को कोर्ट ने घर बसाने का मौका भी दिया परन्तु सफलता नहीं मिली और अन्त में तलाक होगया।

        तलाक के फैसले के बाद राखी की आँखौ से आँसुऔ की धारा बहने लगी वह जीतकर भी अपने को हारा हुआ महसूस कर रही थी। वह सोच रही थी कि उसके सभी सपने मोतियौ के हार की तरह बिखर चुके है।

     दौनौ के घर वाले  कोर्ट से एक एक करके निकल चुके थे सबसे बाद में मानव व राखी ही जारहे थे आगे मानव व राखी उसके पीछे चल रहाथा।

     अचानक राखी को ठोकर लगी और गिर गयी। मानव ने गिरने की आवाज सुनकर पीछे मुड़कर देखा तो राखी गिर चुकी थी।

      मानव ने उसे उठाकर बिठाया और किसी की सहायता से उसे अस्पताल लेकर गया उसने किसी को फौन भी नही किया।

               बहुत देर बाद जब उसे होश आया तब मानव उसके हाथ अपने हाथौ मे लेकर बोला," राखी मुझे माँफ करदो सब भूल मेरी थी मै आजतक मै घमन्ड मे चूर होकर तुमसे   बात नही की  थी। मै अपने दोस्तौ के बहकावे में आकर सब कुछ भूल गया ।

     राखी भी मानव से लिपटकर बहुत रोई और बोली," मानव मै अब इससे अधिक सहन नहीं कर सकूगी। मै टूट चुकी हूँ। 

    इस तरह दौनौ  ने   तलाक के फैसले को फाड़ दिया और दौनौ ने नये सिरे से अपनी जिन्दगी शुरू करने का फैसला कर लिया।आज राखी व मानव हार कर भी जीत गये।

दैनिक प्रतियोगिता  हेतु लिखी गयी कहानी।
नरेश शर्मा
12/05/2022

    

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10 Comments

Anam ansari

14-May-2022 09:37 AM

Nice

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Shnaya

13-May-2022 09:57 PM

Very nice 👍🏼

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Haaya meer

13-May-2022 09:49 PM

Amazing

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